किसी को भी कुछ ना बोले इंसान एक खान की तरह है जिसमे अच्छे बुरे सभी गुण होते है लेकिन लोग एक दूसरे को बूरा बनाने पे तुले रहते है
जैसा करोगे वैसा भरोगे ये कहावत आदिकाल से सार्थक रही है और वर्तमान मे भी सार्थक है प्रकरति के नियम बहुत निराले है इनसे बचना चाइए |
ऐसे कार्य करो जिससे हमारी इंसानियत जीवित रहे इंसानियत खोने पर आदमी पशु के समान हो जाता है इसलिए आदमी को इंसानियत जिंदा रखनी चाइए ।